Tuesday, February 2, 2016

Sad Shayri Hindi

इतना बुरा भी नही हूँ मैं..बस..
खुद को देख रहा था दूसरों की नज़रों से
 ए जिंदगी, ना हो उदास 
मुझे आदत है मुस्कुराने की ...


इन पलकों पे हज़ारों ख्वाबों का बोझ है..
अब याद ना आओ, सुलाने दो इन्हें...
मैं शख्स कैसा भी हूँ..
पर ख्याल सबका रखता हूँ...
ना जाने कब उठकर चले जाएँ दिलासे देने वाले..
यू देर तक रोना धोना भी तो ठीक नही..
वो इश्क ही क्या..
जिसे सबूत की दरकार हो ... 
अरमानों को दिल में सजाकर रखता हूँ. 
हसरतें रखूँगा तभी तो पूरी होगी ना..
मैं तो कब का बीत गया..
तुम हो. जो मुझमें जी रहे हो ...

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